विषय
ऐश एक औषधीय पौधा है, जिसे आम राख के रूप में भी जाना जाता है, व्यापक रूप से आमवाती समस्याओं में मूत्रवर्धक के रूप में उपयोग किया जाता है और बुखार को कम करने के लिए।
इसका वैज्ञानिक नाम है फ्रैक्सिनस एंजुस्टिफोलिया वाहल और कुछ स्वास्थ्य खाद्य भंडार या दवा की दुकानों पर खरीदा जा सकता है।
राख का उपयोग किस लिए किया जाता है
ऐश का उपयोग गाउट, गठिया, सेल्युलाईट, कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, सांसों की बदबू, यूरिया संचय, अतिरिक्त यूरिक एसिड, कब्ज, गुर्दे की पथरी और बुखार जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है।
ऐश के गुण
राख के गुणों में इसकी मूत्रवर्धक, रेचक, शुद्ध करने वाली, ज्वरनाशक, विरोधी भड़काऊ, चिकित्सा और कायाकल्प करने वाली एनाल्जेसिक क्रिया शामिल है।
राख का उपयोग कैसे करें
राख के पेड़ के उपयोग किए गए हिस्से इसकी छाल और पत्तियां हैं, जिससे चाय, जलसेक और मुर्गी पालन किया जाता है।
- ऐश जलसेक: कटी हुई राख के 10 ग्राम पत्तों को 1 लीटर पानी में उबालें और चाय को दिन में 3 बार पियें।
राख के दुष्प्रभाव
राख के कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं हैं।
ऐश वृक्ष contraindications
राख के लिए कोई मतभेद नहीं वर्णित हैं।
उपयोगी लिंक:
इनके द्वारा निर्मित: तुआ सौडे संपादकीय टीम